कर्जा देने के बाद तीनों देनदार अपने पैसे के लिए भटक रहे है। उनमें दो बिरजू और बाबा घर का पैसा चुआ वाली को दे दिए और घर मे पत्नियों के द्वारा पीटे जाने पर घायल अपना पैसा लेने आते है लेकिन पैसा की जगह अपने जाल में फस जाते है। आखिर देखिये उनका दर्द और जाल... तीन पांच झक्क लाइट मद्द कलर के तीसरे चंक पूजा के लड्डू में ..
निर्देशन
उमेश लखन
कलाकार
कामता माखन
पूजा तिवारी
अंलकृत तिवारी
बृजेश शुक्ला
स्वर संगीत
रीति पांडेय सरगम एवं साथी
प्रोड्यूसर
मिथिलेश तिवारी
विशेष सहयोग
सौरभ त्रिपाठी
कैमरा, संपादन
शिवम सोंधिया
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